मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक अमेरिका ट्रेजरी यील्ड कोरोना महामारी के विस्फोट के बाद से अपने हाईएस्ट लेवल पर पहुंच गया है। सिर्फ अमेरिका में ही नहीं जापान और भारत में भी बॉन्ड यील्ड में बढ़त देखने को मिली है जिससे इक्विटी मार्केट पर दबाव बना है।

Cryptocurrency Vs Stock Market कौन है बेहतर?

Cryptocurrency में इन्वेस्टमेंट करना अच्छा है या फिर स्टॉक मार्केट में, देखिए इसमें लोगों का अलग अलग मत है कुछ लोग क्रिप्टो मार्केट को अच्छा मानते हैं कुछ लोग स्टॉक मार्केट को। जब इन्वेस्टमेंट की बात आती है तो निवेशक ऐसे मार्केट को चुनता है जहां पर उसको ना तो अधिक नुकसान हो और ना ही उसे इस बात का डर हो कि भविष्य में यह मार्केट बंद ना हो जाए। प्रत्येक निवेशक का मानना होता है कि सबसे अच्छा मार्केट वही जहां पर सबसे अधिक रिटर्न मिले लेकिन इस मार्केट में रिस्क बहुत कम हो। बहुत से ऐसे निवेशक होते हैं जो कई प्रकार के क्षेत्र में निवेश करते हैं जैसे गोल्ड, cryptocurrency market, stock market, बॉन्ड , रियल स्टेट इत्यादि। इस प्रकार के निवेशकों को अधिक नुकसान होने का डर नहीं होता है।

भारत में अधिकतर लोग स्टॉक मार्केट में इन्वेस्टमेंट करते हैं लेकिन भविष्य की नजाकत को देखते हुए लोग Cryptocurrency की ओर भी निवेश करने के लिए आगे आ रहे हैं। भारत में ऐसे भी निवेशक हैं जो दोनों में ही निवेश करते हैं। Cryptocurrency फ्रॉड के चलते 2018 में बैंकों पर Cryptocurrency ट्रांजैक्शन करने पर प्रतिबंध लगा दिया था परंतु सुप्रीम कोर्ट ने 2020 में इस बैन को हटा दिया। इसके बाद से ही क्रिप्टोकरेंसी के उपयोगकर्ता में भारी तेजी देखी जा रही है।

शेयर बाजार में भूचाल, जानें क्या है इस गिरावट की वजह

बिजनेस डेस्कः दुनियाभर के शेयर बाजारों में भारी गिरावट के चलते घरेलू बाजार भी फिसल गया। सेंसेक्स 1,677.32 अंक यानी 3.29% नीचे 49,361.99 पर कारोबार कर रहा है और निफ्टी 489.15 अंक (3.24%) नीचे टूट कर 14,608.20 अंक पर कारोबार कर रहा है। बाजार में भारी बिकवाली है। असल में सीरिया पर यूएस के एयर स्ट्राइक के चलते आज दुनियाभर के बाजार सेंटीमेंट कमजोर हुए हैं। कल अमेरिकी बाजार भारी गिरावट पर बंद हुए। वहीं आज एशियाई बाजारों में बिकवाली है।

एशियाई बाजार 3 से 4 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है। DOW FUTURES में 150 अंक नीचे कारोबार कर रहा है। अमेरिका में 10 साल की बॉन्ड यील्ड 1 साल की ऊंचाई पर पहुंचने से बाजार में घबराहट है।

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माइक्रो-कैप कॉइन ख़रीदना

एक गलती जो नए लोगों से अक्सर होती है वह यह कि सिर्फ इसलिए कोई कॉइन खरीदना क्योंकि वह बहुत सस्ता है या किसी व्यक्ति या समूह द्वारा समर्थित है। इस श्रेणी में आने वाले अधिकांश कॉइन या तो किसी काम के नहीं होते हैं या बहुत सीमित उपयोग होते हैं, या सबसे अच्छी स्थिति में अभी तक उनकी क्षमता साबित नहीं हुई है। इस गलती से बचने के लिए टोकन की कीमत के बजाए किसी कॉइन के मार्केट कैप की जांच करें। ऐसा इसलिए है क्योंकि मार्केट कैप ही वह होता है जो यह निर्धारित करता है कि किसी क्रिप्टो की कीमत कितनी बढ़ सकती है।

यदि आप इस बारे में निश्चित नहीं हैं कि वृद्धि के मामले में क्रिप्टो की कितनी क्षमता है, तो अन्य कॉइन की क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा जांच करें जो समान कॉइन श्रेणी में हैं और उनके दैनिक कारोबार की मात्रा, मार्केट कैप और ऑनलाइन जुड़ाव की तुलना करके देखें कि वह कहां है।

प्रचार के कारण कोई कॉइन ख़रीदना

आपको क्रिप्टोकरेंसी में कभी भी सिर्फ इसलिए निवेश नहीं करना चाहिए क्योंकि इसे किसी लोकप्रिय व्यक्ति द्वारा प्रचारित किया जा रहा है। इसकी बहुत संभावना होती है कि वे बाजार की आपूर्ति का एक बड़ा हिस्सा रखते हों। यदि काफी लोग उस कॉइन को खरीदते हैं जो वे कम करते हैं, तो लोकप्रिय व्यक्ति अपने कॉइन को बेचकर अच्छा लाभ कमाने का फैसला कर सकता है, जिससे नियमित निवेशकों को नुकसान हो सकता है।

प्रसिद्ध व्यक्तियों द्वारा प्रचारित सभी कॉइन से बचें क्योंकि उच्च गुणवत्ता वाले कॉइन को अच्छा प्रदर्शन करने के लिए विज्ञापन की आवश्यकता नहीं होती है। किसी क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा कॉइन को खरीदने से पहले उसके व्हाइटपेपर को पढ़ना बेहतर होता है, और यह आपको किसी भी धोखेबाजी का शिकार होने से बचा सकता है।

सोशल मीडिया की वजह से कोई कॉइन ख़रीदना

सोशल मीडिया साइट्स जैसे रेडिट, ट्विटर और इंस्टाग्राम उन कॉइन के शिलिंग पेज से भरे हुए होते हैं जिनके बारे में आपने शायद कभी नहीं सुना होगा या जोखिम वाले कॉइन होंगे। यदि आप लंबे समय तक होल्ड कर के रखें तो कीमतों के ‘आसमान में जाने’ की बात करते हैं। आपको ध्यान रखना चाहिए कि कोई भी जो किसी एक ख़ास कॉइन के लिए प्रचार करता है, उसे या तो डेवलपर्स द्वारा भुगतान किया जाता है या उसने प्रोजेक्ट में बहुत अधिक समय और पैसा लगाया है, जिसके परिणामस्वरूप वे इसके पक्ष में झुके हुए हैं।

सोशल मीडिया पर प्रचार के बहकावे में आने से बचने के लिए, DYOR या अपना खुद का शोध करना महत्वपूर्ण है। अपना खुद का शोध करना यह पता लगाने का एक तरीका है कि कॉइन में भविष्य की क्षमता है या नहीं या सिर्फ नए लोगों को लुभाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा कोई घोटाला है।

मार्केट क्रैश आने की वजह से बेचना

यह एक ऐसी गलती है जिसका शिकार अनुभवी ट्रेडर भी कई अवसरों पर हो सकते हैं। इक्विटी और क्रिप्टो इकोसिस्टम दोनों में मार्केट क्रैश का डर बना रहता है। लोग अक्सर यह भूल जाते हैं कि मार्केट में गिरावट कभी स्थाई नहीं होती। एक क्रैश के बाद जल्द या बाद में पंप आता है। इस मामले में, सबसे अच्छा समाधान सिर्फ होल्ड करना होता है। या कम से कम, कीमतों के नीचे होने पर न बेचना होता है। क्योंकि हम सभी जानते हैं, मार्केट अप्रत्याशित है। फरवरी में, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के कारण बड़े पैमाने पर क्रैश की आशंका थी। अगले दिन, ये आशंकाएं क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा गलत निकलीं क्योंकि मार्केट असल में नीचे की बजाए ऊपर चला गया।

सबसे बड़ी गलती जो कोई व्यक्ति कर सकता है, वह है अपने पोर्टफोलियो में विविधता नहीं लाना और अपने सभी फंडों को एक ही कॉइन में निवेश करना। हालांकि कई बार में यह एक बार हो सकता है, मगर ज्यादातर ऐसा नहीं होता और यह बेहद ख़राब विचार है। किसी भी कॉइन में बड़ा निवेश एक बड़ा जोखिम है, क्योंकि एक छोटी सी गिरावट भी आपके मुनाफे का एक बड़ा प्रतिशत कम कर सकती है।

भारत में Cryptocurrency Ban की खबर से क्रिप्‍टो मार्केट क्रैश, बिटकॉइन में 25 फीसदी तक की गिरावट

News of cryptocurrency ban in India leads to crypto market crash, bitcoin down by 25 percent

बिजनेस डेस्‍क। देश में सभी निजी क्रिप्टोकरेंसी पर प्रतिबंध (Cryptocurrency Ban) लगाने के लिए एक बिल लिस्‍ट होने के बाद भारतीय एक्सचेंजों पर डिजिटल करेंसी ग्‍लोबल एक्‍सचेंजों के मुकाबले 25 फीसदी तक क्रैश हो गई। भारत में क्रिप्टो की कीमतें (Cryptocurrency Price in India) आमतौर पर वैश्विक बाजारों के मुकाबले प्रीमियम पर कारोबार करती हैं। सरकार ने मंगलवार को पुष्टि की कि वह 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिप्टोकरेंसी और रेगुलेशन आधिकारिक डिजिटल करेंसी विधेयक, 2021 पेश करेगी।

एंकर से मिल रहा था तय ब्याज

पिछले कुछ महीने से टेरा होल्डर्स को एंकर प्रोटोकॉल में अपना टोकन पार्क करने पर 20 प्रतिशत का तय ब्याज दिया जा रहा था। यही वजह है कि ज्यादा से ज्यादा यूजर्स ने अपने टोकन्स एंकर प्रोटोकॉल में शामिल कर दिए। कॉइनडेस्क के मुताबिक, कुल टेरा सर्कुलेशन का करीब 75 प्रतिशत एंकर में जमा कर दिया गया था। बता दें, यहीं से हालात और क्रिप्टोकरेंसी का संतुलन बिगड़ने की शुरुआत हुई।

पिछले सप्ताह के आखिर में बड़ी मात्रा में टेराUSD को अचानक एंकर से निकाल लिया गया। दरअसल, अफवाह उड़ी कि टेरा पर मिलने वाला 20 प्रतिशत तय ब्याज अब फिक्स रेट पर नहीं क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा मिलेगा। निवेशकों ने कमाई घटने और नुकसान होने के डर से टेरा टोकन्स को बेचना शुरू कर दिया और दूसरे स्टेबलकॉइन्स खरीदने लगे। जाहिर सी बात है, ऐसा होने पर एक टोकन की मांग तेजी से घटी और सप्लाई बढ़ने से कीमत गिरने लगी।

लूना की सप्लाई बढ़ने से क्रैश हुआ सिस्टम

ज्यादातर यूजर्स ने टेराUSD को एक्सचेंज कर लूना टोकन लेना शुरू कर दिए। इस तरह लूना की सप्लाई बढ़ने के साथ ही वैल्यू घटने लगी। ज्यादा से ज्यादा यूजर्स के टेरा कॉइन को डंप करने के चलते दोनों कॉइन्स से जुड़कर संतुलन बनाने वाला सिस्टम क्रैश हो गया। क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा कॉइनमार्केटकैप के मुताबिक, टेरा कॉइन की कीमत 11 मई को घटकर केवल 0.225 डॉलर रह गई। महज चंद दिनों के अंदर इस स्टेबलकॉइन ने अपनी करीब 80 प्रतिशत वैल्यू गंवा दी।

निवेशकों के अंदर डर पैदा होना क्रिप्टो मार्केट के लिए अच्छी बात नहीं है और इसे प्रभावित कर सकता है। टेरा के गिरने के साथ ही बाकि निवेशकों ने अपने कॉइन्स बेचना भी शुरू कर दिया जिससे पूरा क्रिप्टो मार्केट क्रैश हो गया। दुनिया का सबसे बड़ा क्रिप्टो बिटकॉइन भी बीते गुरुवार को 25,400 डॉलर तक जा पहुंचा। हालांकि, स्थिरता के संकेत मिल रहे हैं और बाकी टोकन्स में आए बदलाव को देखते हुए भी ऐसा ही लग रहा है।

कुछ वक्त के लिए ब्लॉक जेनरेशन रुका

टेरा ब्लॉकचेन को टेरा की कीमतें तेजी से घटने की स्थिति के बाद नौ घंटे से ज्यादा के लिए हाल्ट कर दिया गया। यानी कि इस दौरान ब्लॉकचेन नेटवर्क पर कोई नए ब्लॉक्स नहीं जेनरेट किए गए। बता दें, हाल्ट के दौरान क्रिप्टो होल्डर्स उनके टेरा असेट्स मूव नहीं कर सकते और उन्हें ब्लॉकचेन के अनफ्रोजन होने का इंतजार करना पड़ेगा। कंपनी ने ट्वीट में बताया है कि टेरा वैलिडेटर्स ने इस चेन को हाल्ट करने का फैसला किया है।

ब्लॉकचेन फर्म इलिप्टिक ने बताया कि टेरा की कीमतें क्रैश होने के दौरान कम से कम 3.5 अरब डॉलर वैल्यू वाले बिटकॉइन भी नहीं ट्रेस किए जा सके। ब्लूमबर्ग के मुताबिक, क्या स्टॉक मार्केट क्रैश होने पर क्रिप्टो बढ़ेगा टेरा ब्लॉकचेन डिवेलपर्स की ओर से सेटअप किए गए फाउंडेशन, लूना फाउंडेशन गार्ड (LFG) की ओर से 3.5 अरब डॉलर वैल्यू के बिटकॉइन्स खरीदे गए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि 1.7 अरब डॉलर वैल्यू 9 मई को LFG वॉलेट से एक नए एड्रेस पर भेजी गई है।

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