Gold Investment : सोने में कई तरीकों से किया जा सकता है निवेश. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
इस दिवाली फिजिकल सोने की जगह पेपर गोल्ड में करें निवेश
मोटा-मोटी कहें तो सोने को शेयरों की तरह खरीदने की सुविधा Gold ETF है…. यह एक तरह की Mutual Fund स्कीम है। इसमें सोने को यूनिट में खरीदा-बेचा जाता ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं है। इसका फायदा यह है कि आप सिर्फ 50 रुपये से Gold ETF खरीद सकते है। बस इसके लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए। 24*7 सोने को खरीद-बेच सकते है। Gold ETF बेचने पर सोना नहीं बल्कि उस समय के बाजार मूल्य के बराबर पैसे मिलते है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकारी बॉन्ड है। सरकार की तरफ से RBI इसे जारी करती है। 2015 में इसकी शुरुआत हुई थी। बैंकों से ऑनलाइन और ऑफलाइन खरीदा जा सकता हैं। ऑनलाइन खरीद पर 50 रुपये प्रति ग्राम ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं की छूट भी है। आप इसे पोस्ट ऑफिस, NSE और BSE के प्लेटफॉर्म से भी खरीद सकते है। कम से कम 1 ग्राम यूनिट खरीदकर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड ले सकते है। इस पर सालाना 2.5% का ब्याज मिलता है, जिसका भुगतान 6 महीने में होता है। यह GST के दायरे में नहीं आता जबकि फिजिकल गोल्ड पर 3% GST लगती है। गोल्ड बॉन्ड में ट्रांसफर का भी विकल्प है। आप बॉन्ड के बदले लोन भी ले सकते है।
Bharat Bond ETF: पहले जान लीजिए इसके फायदे-नुकसान, फिर लीजिए निवेश का फैसला
Moneycontrol 5 दिन पहले Moneycontrol Hindi
© Moneycontrol द्वारा प्रदत्त Bharat Bond ETF: पहले जान लीजिए इसके फायदे-नुकसान, फिर लीजिए निवेश का फैसला Bharat Bond ETF 2 दिसंबर को निवेश के लिए खुल गया है। यह फंड तेजी से बढ़ रहे टारगेट मैच्योरिटी फंड्स (TMF) का हिस्सा है। भारत बॉन्ड ईटीएफ एक टीएमएफ है, जो इससे थोड़ा अलग है। सबसे पहले आपको इसे ठीक तरह से समझ लेना जरूरी है। किसी भी इनवेस्टमेंट ऑप्शन में निवेश से पहले उसे ठीक तरह से समझ लेना इनवेस्टर्स के हित में होता है। इससे उसे यह तय करने में मदद मिलती है कि उसे इसमें निवेश करना चाहिए या नहीं। उसे यह समझने में आसानी होती है कि यह ऑप्शन उसके लिए फायदेमंद रहेगा या नहीं। हालांकि, यह Bharat Bond ETF की चौथी किश्त है, लेकिन बहुत कम निवेशकों को इस प्रोडक्ट के बारे में पर्याप्त जानकारी है। भारत बॉन्ड ईटीएफ की पहली किश्त 2019 के आखिर में आई थी। क्या है भारत बॉन्ड ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं ईटीएफ? Bharat Bond ETF एक डेट फंड है। यह एक पैसिव फंड है, जो आपके पैसे को फिक्स्ड इनकम सिक्योरिटीज में निवेश करता है। यह सिर्फ ऐसी सरकारी कंपनियों के बॉन्ड (डेट सिक्योरिटीज) में इनवेस्ट करता है, जिसे AAA रेटिंग हासिल होती है। यह स्कीम तय अवधि के बाद मैच्योर हो जाती है। फिर आपको अपना पैसा वापस मिल जाता है। यह ओपन-एंडेड म्यूचुअल फंड की डेट स्कीमों से अलग है। डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट ने सबसे पहले भारत बॉन्ड का आइडिया पेश किया। इस डिपार्टमेंट का काम कंपनियों में सरकार के इनवेस्टमेंट पर ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं नजर रखना और विनिवेश से जुड़ी जिम्मेदारियां संभालना है। इस स्कीम के बारे में यह सोचा गया कि इससे सरकारी कंपनियों को बाजार से कर्ज जुटाने में मदद मिलेगी। Edelweiss MF ने 2019 में पहला भारत बॉन्ड ईटीएफ लॉन्च किया। अब तक वह इसकी तीन किश्तें लॉन्च कर चुका है। जिनके पास डीमैट अकाउंट है वे भारत बॉन्ड ईटीएफ में इनवेस्ट कर सकते हैं। यह कैसे काम करता है? भारत ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं बॉन्ड ईटीएफ सुरक्षा के लिहाज से बहुत अच्छा है। इसके रिटर्न के बारे में आपको पहले से अंदाजा रहता है। यह स्कीम सिर्फ AAA रेटिंग वाली सरकारी कंपनियों के बॉन्ड में निवेश करती है। अभी इसकी यील्ड-टू-मैच्योरिटी करीब 7.5 फीसदी है। भारत ईटीएफ की यह किश्त अप्रैल 2033 में मैच्योर होगी। आपके लिए यह जान लेना जरूरी है कि 7.5 फीसदी की यील्ड टू मैच्योरिटी इस स्कीम की नहीं है बल्कि यह इसके बेंचमार्क इंडेक्स की है। स्कीम की यील्ड-टू-मैच्योरिटी का पता तभी चलेगा जब यह न्यू फंड ऑफर क्लोज हो जाएगा। यह 8 दिसंबर को क्लोज होगा। यह स्कीम अप्रैल 2033 में मैच्योर होगी। यह अवधि करीब साढ़े दस ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं साल है। एक TMF तभी आपके लिए अच्छा परफॉर्म करता है जब आप इसमें अपना निवेश बनाए रखते हैं। हालांकि, यह अवधि कई इनवेस्टर्स को ज्यादा लग सकती है। भारत बॉन्ड ईटीएफ दूसरे टीएमएफ की तरह एक ओपन-एंडेड स्कीम है। इसका मतलब है कि आप जब चाहे इसकी यूनिट्स खरीद और बेच सकते हैं। कई बार इस स्कीम में लिक्विडिटी कम हो सकती है। भारत बॉन्ड या टीएमएफ इंडेक्स फंड? दूसरे टीएमएफ इंडेक्स फंड्स हैं, जबकि भारत बॉन्ड ईटीएफ एक ईटीएफ है। इस फर्क के बावजूद भारत इटीएफ एक टीएमएफ भी है। सवाल यह है कि क्या आपको भारत बॉन्ड ईटीएफ या किसी दूसरे ईटीएफ में निवेश करना चाहिए? भारत बॉन्ड ईटीएफ 2033 ऐसी स्कीम है जिसकी मैच्योरिीट 11 साल है। लेकिन, अगर अपनी इतनी लंबी ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं अवधि तक इसमें निवेश बनाए नहीं रखना चाहते हैं तो आप ऐसे दूसरे टीएमएफ में इनवेस्ट कर सकते हैं जिसकी मैच्योरिटी आपके हिसाब से मैच करती हो। हालांकि, आपको इंडेक्सेशन टैक्स बेनेफिट का फायदा उठाने के लिए तीन साल से ज्यादा की अवधि सेलेक्ट करना चाहिए। भारत बॉन्ड ईटीएफ का एक्सपेंस रेशियो सिर्फ 0.0005 फीसदी है। यह इनवेस्टर्स के लिए बहुत अच्छा है। भारत बॉन्ड ईटीएफ 2033 एक अच्छा इनवेस्टमेंट है, क्योंकि इसकी यील्ड 7.5 फीसदी है। इसकी तुलना आप बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट या टैक्स-फ्री बॉन्ड्स से कर सकते हैं।
इस दिवाली फिजिकल सोने की जगह पेपर गोल्ड में करें निवेश
मोटा-मोटी कहें तो सोने को शेयरों की तरह खरीदने की सुविधा Gold ETF है…. यह एक तरह की Mutual Fund स्कीम है। इसमें सोने को यूनिट में खरीदा-बेचा जाता है। इसका फायदा यह है कि आप सिर्फ 50 रुपये से Gold ETF खरीद सकते है। बस इसके लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए। 24*7 सोने को खरीद-बेच सकते है। Gold ETF बेचने पर सोना नहीं बल्कि उस समय के बाजार मूल्य के बराबर पैसे मिलते है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड सरकारी बॉन्ड है। सरकार की तरफ से RBI इसे जारी करती है। 2015 में इसकी शुरुआत हुई थी। बैंकों से ऑनलाइन और ऑफलाइन खरीदा जा सकता हैं। ऑनलाइन खरीद पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट भी है। आप इसे पोस्ट ऑफिस, NSE और BSE के प्लेटफॉर्म से भी खरीद सकते है। कम से कम 1 ग्राम यूनिट खरीदकर आप सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड ले सकते है। इस पर सालाना 2.5% का ब्याज मिलता है, जिसका भुगतान 6 महीने में होता है। यह GST के दायरे में नहीं आता जबकि फिजिकल गोल्ड पर 3% GST लगती है। गोल्ड बॉन्ड में ट्रांसफर का भी विकल्प है। आप बॉन्ड के बदले लोन भी ले सकते है।
कौन है बेहतर?
सेंट्रल गवर्नमेंट की सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम का एक फायदा ये है कि यह बॉन्ड, गोल्ड के मार्केट प्राइस से कम कीमत में मिलते हैं. वहीं ETF में निवेश करने के क्या फ़ायदे हैं दूसरा सबसे बड़ा फायदा यह है कि इस योजना में इन्वेस्ट करने पर जीएसटी नहीं चुकाना पड़ता है. जबकि डिजिटल गोल्ड खरीदते वक्त 3 फीसद जीएसटी देना होता है, ऐसे में जीएसटी देने से निवेश की लागत बढ़ जाती है. वहीं डिजिटल गोल्ड को जब सेल करते हैं तो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन पर टैक्स देनदारी बनती है.
गोल्ड ईटीएफ के मामले में भी ये बात लागू होती है. लिहाजा डिजिटल गोल्ड पर टैक्स प्लस सेस और सरचार्ज चुकाना होता है, जिससे मुनाफा घट जाता है. वहीं डिजिटल गोल्ड को लेकर ऑफिशियल रेगुलेटरी संस्था नहीं है, जबकि सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना केंद्र सरकार के तहत काम करती है. वहीं गोल्ड बॉन्ड पर आप लोन ले सकते हैं, जबकि गोल्ड ईटीएफ में ऐसा विकल्प नहीं है. कुल मिला कर देखें तो मुनाफे के लिहाज से सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम बेहतर विकल्प है.
सोना में निवेश से पहले कुछ जरूरी बातें जान लीजिए, फायदे में रहेंगे आप
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सोने को हमेशा से सुरक्षित निवेश माना गया है। सोने में निवेश करने मतलब सिर्फ गहने ही खरीदना नहीं होता है, बल्कि आप समझदारी से सोने में निवेश करें तो कुछ सालों के दौरान बेहतर रिटर्न पा सकते हैं। लोगों को सोने में फाइनेंशियल असेट के तौर पर निवेश करना चाहिए। सेबी रजिस्टर्ड इन्वेस्टमेंट एडवाइर जितेंद्र सोलंकी कहते हैं सोने में निवेश करने वाले पेपर गोल्ड, गोल्ड ईटीएफ, सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड, गोल्ड म्यूचुअल फंड और डिजिटल गोल्ड को बेहतर विकल्प के तौर पर माना जाता है।
सोलंकी के अनुसार, सोना 10-15 फीसद के बीच किसी भी निवेशक के पोर्टफोलियो का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होना चाहिए। जैसे अगर कोई 100 रुपये बचा रहा है, तो 15 रुपये निश्चित रूप से सोने में जाना चाहिए।
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