1. CYPTO CURRENCY(क्रिप्टो करेंसी) Meaning : इसे हम आधुनिक पैसा के नाम से जानतें है, यह एक ऐसे पैसे का रूप है जिसे कंप्यूटर के माध्यम से बनाया जाता है। इसका लेनदेन सिर्फ और सिर्फ कंप्यूटर के माध्यम से किया जाता है इसका ना तो कोई वास्तविक रूप होता है ना किसी धातु से बनता है इसे पूर्णतः कंप्यूटर से प्रोग्रामिंग करके बनाया जाता है।
CYPTO CURRENCY & CRYPTO JACKING: आपके मोबाइल से कैसे हो सकती है आधुनिक पैसे की चोरी
दोस्तों आज हम जानेंगे दुनिया के अंदर शुरू होने वाले नए आधुनिक पैसों और उसमे होने वाले चोरी के बारे में साथ में जानेंगे की आपके मोबाइल से कैसे चोरी होता है और चोरी के दौरान आपके मोबाइल में अचानक होने वाले परिवर्तन के बारे में। अगर आपके मोबाइल में भी क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं अगर यह परिवर्तन दिखे तो आप सतर्क हो जाइये की आपके मोबाइल से आपका पैसा चोरी हो सकता है।
CYPTO CURRENCY & CRYPTO JACKING: आधुनिक पैसा और उसकी चोरी |
सबसे पहले हम जानेंगे इस आधुनिक युग के पैसे के बारे में और इसमें उपयोग होने वाले कुछ कठिन शब्दों के बारे में क्योकि इस लेख को पढ़ने के दौरान इन शब्दों के बारे में जानना अत्यधिक आवश्यक है तभी हम इस लेख को समझ पाएंगे :
प्रमुख बिंदु:
- ‘क्रिप्टोजैकिंग’ एक प्रकार का साइबर हमला है, जिनका प्रयोग हैकर्स क्रिप्टोकरेंसी की माइनिंग (Mining) करने के लिये करते हैं।
- माइनिंग बुनियादी तौर पर ऐसी प्रक्रिया है जिसके माध्यम से किसी आभासी मुद्रा के लेन-देन को सत्यापित किया जाता है।
- क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की डिजिटल मुद्रा है, जिसमें लेन-देन संबंधी सभी जानकारियों को कूटबद्ध (Encrypt) तरीके से विकेंद्रित डेटाबेस (Decentralized Database) में सुरक्षित रखा जाता है।
- बही-खाते (ledgers) के आँकड़ों को स्थानिक रूप से वितरित किया जाता है, और क्रिप्टोकरेंसी के प्रत्येक लेन-देन को ब्लॉक के रूप में कूटबद्ध किया जाता है।
- इस प्रकार एक दूसरे को जोड़ने वाले कई ब्लॉक विकेंद्रीकृत बही-खाता (Distributed Ledger) के माध्यम से ब्लॉकचेन (Block-chain) बनाते हैं।
- बिटक्वाइन (Bitcoin), एथरियम (Ethereum), मोनेरो (Monero), कैश (Zcash) आदि प्रमुख आभासी मुद्राएँ हैं।
- ऐसा अनुमान है कि दुनिया भर में 47 मिलियन से अधिक क्रिप्टोकरेंसी उपयोगकर्ता हैं।
क्रिप्टोकरेंसी माइनिंग (Cryptocurrency Mining):
- क्रिप्टोकरेंसी कोई मुद्रित मुद्रा नहीं होती है अपितु इन्हें माइनिंग की प्रक्रिया द्वारा सत्यापित या निर्मित किया जाता है।
- क्रिप्टोकरेंसी, माइनिंग नामक एक प्रक्रिया के माध्यम से बनाई जाती क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं हैं।
- माइनिंग की प्रक्रिया में माइनर्स द्वारा हाई-एंड प्रोसेसर्स (High-End Processors) का उपयोग किया जाता है।
- माइनिंग की लागत बहुत अधिक होती है।
- माइनिंग की प्रक्रिया में हाई-एंड प्रोसेसर्स का उपयोग किया जाता है, जो प्रक्रिया बहुत महँगी है।
- संपूर्ण माइनिंग प्रक्रिया में विद्युत की बहुत अधिक खपत होती है।
Bitcoin Mining करके कैसे Bitcoin कमा सकते हैं फ्री में
अभी हमने कुछ दिन पहले ही एक पोस्ट लिखी थी जिसमें हमने आपको Bitcoin के बारे में बताया था। उस समय हमने आपको ये भी बताया था की bitcoin का रेट प्रतिदिन किस तरह से बढ रहा है और आप भी इसको देख सकते हैं कि पहले इसका रेट 1,55,000 हमने खुद उस पोस्ट में आपको बताया था लेकिन आज सिर्फ 5 दिनों के अंतराल पर ये 1,85,000 के करीब पहुंच गया है और ये लगातार ऐसे ही बढता रहेगा।
पहले हमने आपको bitcoin कमाने के बारे में भी बताया था। हमने आपको फ्री की वेबसाइट freebitco के बारे में बताया था। जहाँ से आप घर बैठे bitcoin earn कर
सकते हो। लेकिन इसको घर बैठे कमाने के लिए दूसरा रास्ता भी है जो Bitcoin mining होता है। क्या होता है bitcoin mining और ये कैसे काम करता है आज हम
आपको इसके बारे में जानकारी देंगे।
क्या हम Mining कर सकते हैं? यदि हां तो कैसे?
अगर आप भी bitcoin Mining करना चाहते हो तो आपके पास कुछ चीजें जरूर होने चाहिए जैसे एक माइनिंग हार्डवेयर, माइनिंग सॉफ्टवेयर और पावर यानी बिजली।
माइनिंग करने के लिए आप अपने लैपटॉप, कम्प्यूटर का यूज भी कर सकते हो। जिसके बदले में आपको कुछ bitcoin मिल जायेगी। अगर आप चाहते हैं तो हम आपको इसके बारे में आगे बता देते हैं।
Bitcoin Mining के लिए आपको एक nicehash नाम से एक सॉफ्टवेयर डाउनलोड करना होगा। आप यहां से इसको डाउनलोड कर सकते हो- Download Now, BitProMiner ये जिप फाइल में डाउनलोड होगा और यह इंस्टॉल नहीं होता बल्कि ये उसी फोल्डर में रहता है। आप इसको extract कर लिजिए और इसको ओपन करे।
ये आपके system की configuration के हिसाब से कुछ फाइलों को डाउनलोड करेगा और जब वे डाउनलोड हो जाये तो आप अपना bitcoin Address इसके अंदर डालकर अपना काम शुरू कर सकते हैं लेकिन याद रखें की इसके अंदर आपके सीपीयू से आवाज बहुत आयेगी।
4 Replies to “ Bitcoin Mining करके कैसे Bitcoin कमा सकते हैं फ्री में ”
हमे blockchain , bitcoin address, skrill के बारे मे बिस्तार से जनना है । खता कैसे खोले, एक दुसरे से लिन्क कैसे करे इत्यादि । धन्यवाद
Thanks For Comment , Hum Aapko Iske baare me aapko jarur batayege agli post me . Please Wait
मेथड 2. मौजूदा ब्लॉकचेन के कोड को बदलें
एक नया ब्लॉकचेन विकसित करने और अपनी नेटिव करेंसी का उपयोग करने के लिए आपके पास हमेशा किसी अन्य ब्लॉकचेन से संबंधित स्रोत कोड का उपयोग करने का ऑप्शन होता है। यह इस तथ्य पर ध्यान देने योग्य है कि आपको अभी भी इसके टेक्निकल पहलुओं में पारंगत होना होगा क्योंकि आपको उस डिज़ाइन को बनाने के लिए स्रोत कोड में बदलाव करना होगा जिस पर आपने अपनी जगहें सेट की हैं।
पहले से मौजूद ब्लॉकचेन के उक्त स्रोत कोड को डाउनलोड और मॉडिफाई कर लेते हैं, तो आपको खामियों की जाँच के लिए ब्लॉकचेन ऑडिटर की सेवाओं को लिस्ट करना होगा। यह सुनिश्चित करने के लिए कि कहीं आपने क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं किसी कानून का उल्लंघन तो नहीं किया है, आपको पेशेवर कानूनी सलाह भी लेनी होगी। इन सारी प्रक्रियाओं से गुज़रने के बाद आप नई क्रिप्टोकरेंसी बना सकेंगे।
मेथड 3. नई क्रिप्टोकरेंसी बनाने के लिए मौजूदा ब्लॉकचेन का उपयोग करना
क्रिप्टोकरेंसी निर्माता के पास अपना ब्लॉकचेन बनाए बिना या मौजूदा ब्लॉकचेन को मॉडिफाई किए बिना नई क्रिप्टोकरेंसी बनाने का ऑप्शन हमेशा होता है। उदाहरण के लिए इथेरियम ब्लॉकचेन को देखते ही साफ़ हो जाता है कि इसे कई तरह के डेवलपर्स द्वारा बनाई गई क्रिप्टोकरेंसी को होस्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। बनाई गई नई करेंसी टोकन की श्रेणी में आती है क्योंकि यह डिजिटल पैसा है जो उस ब्लॉकचेन की नेटिव नहीं है जिस पर वह काम करती है।
टोकन बनाने के लिए कुछ हद तक टेक्निकल विशेषज्ञता की ज़रुरत होती है, ज्यादातर मामलों में ठीक-ठाक सा कंप्यूटर नॉलेज बिना किसी मुश्किल के टोकन बनाने के लिए काफी होता है। टोकन कैसे बनता है, यह समझने के लिए नीचे दिए स्टेप पर गौर करें।
स्टेप 1. कोई ब्लॉकचेन प्लेटफॉर्म चुनें (उदाहरण के लिए बिनेंस स्मार्ट चेन या इथेरियम प्लेटफॉर्म लें) जिस पर आप अपना टोकन होस्ट करना चाहते हैं।
मेथड 4. अपनी क्रिप्टोकरेंसी बनाने के लिए एक ब्लॉकचेन डेवलपर सूचीबद्ध करें
नया टोकन या करेंसी बनाने के लिए आप किसी ब्लॉकचेन डेवलपमेंट कंपनी की मदद ले सकते हैं। ऐसे एंटरप्राइज को ब्लॉकचेन-एज़-ए-सर्विस (या बीएएस) कंपनी कहा जाता है जो क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचेन नेटवर्क डेवलप करने और इसे बनाए रखने का काम करते हैं। इनमें से कुछ कंपनियां कस्टमाइज्ड ब्लॉकचेन बनाती हैं, अन्य अपने ब्लॉकचेन इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग कर सकती हैं जो पहले से मौजूद हैं।
अपनी क्रिप्टोकरेंसी बनाकर, आप इसे वैसे कस्टमाइज़ कर सकते हैं जैसा आपको ठीक लगता है और इस प्रक्रिया में, आप ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी के बारे में अधिक जानकारी हासिल कर पाते हैं। इसके अलावा, आपकी क्रिप्टोकरेंसी को वैल्यू मिल सकता है जो आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। मतलब, क्रिप्टोकरेंसी तभी बनानी चाहिए जबकि आपके पास पर्याप्त टेक्निकल नॉलेज हो या फिर आपके पास बीएएएस कंपनी की सर्विस लेने लिए पैसा हो। यह ध्यान रखना ज़रूरी है कि क्रिप्टोकरेंसी बनाने में बहुत समय लग सकता है और यह महंगी पहल है क्योंकि आपको इसका हमेशा रखरखाव करना होगा है ताकि यह सफल हो।
सभी जानकारी हिंदी में
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तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?
बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.
वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?
आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.
सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.
गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट
बजट पेश करते क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं क्रिप्टो माइनिंग कैसे करते हैं लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.
एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.
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