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डीमैट अकाउंट क्या है - Demat Account Meaning in Hindi

डीमैट अकाउंट क्या है – Demat Account Meaning in Hindi [2023]

डीमैट अकाउंट क्या है,Demat Account Meaning in Hindi – शेयर मार्किट मे ट्रेडिंग करने के लिए Demat Account और Trading Account की जरुरत पड़ती है। जब मे google पे सर्च किया Demat अकाउंट क्या है तब मुझे सर्च रिजल्ट मे से एक दो आर्टिकल अच्छा लगा पर उस आर्टिकल का भाषा.कठिन शब्दो मे लिखा हुआ था।

देखिये किताबो मे आप कठिन शब्दो का इस्तेमाल कोर सकते हो, लेकिन जब आप ब्लॉग या वेबसाइट के जरिये किसी टॉपिक के बारे मे लिखते हो तो आपको जितना हो सके सहज और सरल तरीके से लिखना होगा।

क्युकी लोग google का इस्तेमाल इसलिए करता है की उसके ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है मन मे जो भी query है वो उन्हें सठिक और सहज शब्दो मे मिले। मेरा हमेशा कौसिस रहता है आपके लिए जितना हो सके सिंपल तरीके से आर्टिकल लिखना जिससे कोई भी reader हो उनको समझ ने मे कोई भी दिक्कत ना हो।

डीमैट अकाउंट क्या है – (what is Demat account)

Demat का फुल फॉर्म है Dematerialization। डीमैट अकाउंट एक तरह की स्टोरेज होता है। जब हम शेयर खरीदते है तो ख़रीदा हुआ शेयर को रखने के लिए जिस अकाउंट या कहलो जिस स्टोरेज की जरुरत पड़ती है उसी को ही डीमैट अकाउंट कहता है।

और अच्छे से समझ ने के लिए जैसे की हमारे नार्मल सेविंग बैंक अकाउंट होते है जिसमे हम अपनी रूपया जमा करते है, जरुरत पड़ने पर उसमे से रूपया निकल लेते है ठीक उसी तरह हमारे डीमैट अकाउंट होते है जिस मे जब हम कोई शेयर खरीदते है तो अपने डीमैट अकाउंट मे रखते है और जब कोई शेयर बेचना होता है तो वो शेयर हम डीमैट अकाउंट से निकल लेते है और जिसको हम बेचते है उसके डीमैट अकाउंट मे ट्रांसफर हो जाता है।

डीमैट अकाउंट का इतिहास – demat account history in hindi

पहले जब कंप्यूटर और इंटरनेट का इस्तेमाल नहीं होता था, तब हम कोई शेयर खरीद ते थे तो हमे वो शेयर सर्टिफिकेट के द्वारा हातो मे दिया जाता था ये सर्टिफिकेट हमे फिजिकली फॉर्म मे मिलता था।

इसमे टाइम भी बहुत ज्यादा लगता था और हमारे ऊपर जिम्मेदारी भी काफी बड़ी होती थी। क्युकी इस शेयर सर्टिफिकेट को हमे सामाल कर रखने होती थी। जब हम शेयर बेच ते थी तो हमे वो शेयर सर्टिफिकेट दिखाना होता था।

लेकिन जैसे जैसे कंप्यूटर और इंटरनेट का उपयोग हुआ, डीमैट अकाउंट का concept आया तो ये हमारे लिए बहुति आसान हो गया और जो हमारे फिजिकली सर्टिफिकेट थे वो सरे इलेक्ट्रॉनिक डाटा मे कन्वर्ट हो गया।

भारत की बात कोरे तो NSE (National Stock Exchange) ने 1996 से शेयर को डीमैट अकाउंट मे जमा करना सुरु कोर दिया था। अब डीमैट अकाउंट मे हमारे पूरी transaction की डिटेल होती है की हम कब कोनसा शेयर ख़रीदा कितने मे ख़रीदा और कब बेचा ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है कितने मे बेचा।

अगर किसीके पास पहले से पुराने शेयर की सर्टिफिकेट है तो उसको अगर शेयर बेचना है ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है तो पहले उसको इलेक्ट्रिक फॉर्म मे convert करना होगा उसके बाद ही मार्किट मे बेच पायेगी।

डीमैट अकाउंट कैसे काम करता है – How Demat Account Works in hindi

डीमैट अकाउंट का काम ख़रीदा हुआ शेयर को रखने के लिए होता है। बैंक अकाउंट मे हम लोग क्या करते है जब फण्ड डिपाजिट करके आते है तो हम लोग इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म मे इंटरनेट बैंकिंग के माध्यम से उस पैसे को देख सकते है मतलब कोही ना कोही इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म मे हमारे फण्ड वह पर डिपाजिट है।

उसी प्रकार जब भी हम लोग स्टॉक के अंदर ट्रेड करते है सिक्योरिटी, स्टॉक्स खरीदते है तब हमारे पास डीमैट अकाउंट होना बहुत जरुरी है अगर हम लोगो को उस शेयर को होल्ड करना है तो।

जैसे की अगर आपके पास बैंक अकाउंट नहीं है और आप बैंक अकाउंट मे पैसा जमा करने जाओगे तो वह पर पैसा जमा नहीं होगा। ठीक उसी तरह हम लोगो को स्टॉक ट्रेडिंग करनी है शेयर सिक्योरिटी को होल्ड करना है तो हम लोगो को डीमैट अकाउंट की जरुरत होती है।

एक उदाहरण से समझते है मान लीजे आपके पास एक बैग है उसके अंदर आपके वॉलेट है और वॉलेट मे कुच पैसा रखा है तो आप एक दुकान के पास जाते हो क्युकी आपको एक T- Shirt खरीदना है, तो ऐसे मे आप सेलर को pay करते हो मतलब वॉलेट से पैसा निकल के जो भी प्राइस होगा उस T- Shirt का वो आप सेलर को देते हो उसके बाद आप T- Shirt को आपके बैग मे रख ते हो तो ये सारी केस के अंदर जो आपके बैग है वही आपके डीमैट अकाउंट की तरह रियेक्ट करता है।

एहि काम होता है डीमैट अकाउंट का जब आप कोई शेयर खरीद लेते हो और उसको रख ने के लिए जिस अकाउंट का इस्तेमाल करते हो वही होता है डीमैट अकाउंट।

डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों को खरीदा ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है और बेचा कैसे जाता है?

डीमैट अकाउंट क्या होता है? शेयरों को खरीदा और बेचा कैसे जाता है?

शेयर मार्केट में निवेश ( इन्वेस्टमेंट ) शुरू करने के लिए आपको तीन अकाउंट ( खातों ) की जरूरत होती है . ये तीन अकाउंट हैं डीमैट अकाउंट , ट्रेडिंग अकाउंट और बैंक अकाउंट . हर अकाउंट का अपना एक अलग काम होता है , लेकिन ट्रांजैक्शन ( लेन – देन ) को पूरा करने के लिए तीनों एक – दूसरे पर निर्भर होते ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है हैं . शेयर मार्केट में ट्रेडिंग के लिए ये तीन अकाउंट होने चाहिए .

डीमैट अकाउंट क्या है ?

डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट के समान है . जैसे एक सेविंग अकाउंट ( बचत खाता ) पैसे को चोरी होने और किसी भी गड़बड़ी से बचाता है , वैसे ही एक डीमैट अकाउंट निवेशकों के लिए भी यही काम करता है . डीमैट अकाउंट या डीमैटरियलाइज्ड अकाउंट इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म में शेयरों और सिक्योरिटीज को रखने की सुविधा देता है . ये अकाउंट फिजिकल शेयरों को डीमैटरियलाइज्ड फॉर्म में स्टोर ( संग्रहित ) करते हैं . फिजिकल शेयरों को इलेक्ट्रॉनिक फॉर्म ( रूप ) में परिवर्तित करने की प्रक्रिया ( प्रोसेस ) को डिमैटेरियलाइजेशन ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है कहा जाता है . जब भी ट्रेडिंग की जाती है तो इन शेयरों को डीमैट अकाउंट में क्रेडिट या डेबिट किया ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है जाता है . डीमैट अकाउंट के प्रकार ( टाइप ) डीमैट अकाउंट खोलते समय निवेशकों को अपने प्रोफाइल के मुताबिक डीमैट अकाउंट का चुनाव सावधानी से करना चाहिए . कोई भी भारतीय मिनटों में ऑनलाइन डीमैट अकाउंट खोल सकता है . निवेशक डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) के साथ डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं . 5 पैसा https://bit.ly/3RreGqO एक ऐसा ही प्लेटफॉर्म है जहां ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है आप आसानी से अपना डीमैट अकाउंट खोल सकते हैं और ट्रेडिंग शुरू कर सकते हैं . डीमैट अकाउंट चार तरह के होते हैं .

Trading Account कैसे काम करता है?

ट्रेडिंग अकाउंट बहुत ही सिंपल तरीके से काम करता है. जब आप इस अकाउंट को खुलवा लेते हैं तो आपको ये परमिशन मिल जाती है कि आप किसी शेयर को खरीद सकें और बेच सकें. दरअसल इस अकाउंट को खुलवाने के बाद आपको जब लगता है कि मुझे कोई शेयर खरीदना है तो आप इस अकाउंट के माध्यम से उस शेयर को खरीदने की रिक्वेस्ट डाल सकते हैं. इसके बाद वो Request Stock Exchange में जाती है और फिर उस शेयर को आपके अकाउंट में जोड़ दिया जाता है. ठीक इसी तरह जब आप किसी शेयर को बेचना चाहते हैं तो आपको बेचने की रिक्वेस्ट डालनी पड़ती है और फिर स्टॉक एक्स्चेंज उसे बेचने के लिए प्रोसैस करता है. ये सारा काम आपके ट्रेडिंग अकाउंट से होता है.

What is The Difference Between a Trading Account & Demat Account? आपने शेयर मार्केट में डीमैट अकाउंट का नाम भी सुना होगा और आपने बहुत कुछ उसके बारे में जाना भी होगा. आप सोच रहे होंगे कि जब ट्रेडिंग अकाउंट ये काम करता है तो Trading Account और Demat Account के बीच अंतर क्या रहा? तो इनके बीच बहुत बड़ा अंतर है. दरअसल जो ट्रेडिंग अकाउंट होता है वो शेयर की खरीद और बिक्री करने के काम आता है जबकि डीमैट अकाउंट जो होता है वो आपके खरीदे गए शेयर को रखने के लिए काम में आता है. मतलब Demat Account एक ऐसी जगह बन जाती है जहां पर आप अपने खरीदे गए शेयर डिजिटल रूप से रख सकते हैं.

ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए जरूरी दस्तावेज़

Documents Required to open a Trading Account अगर आप शेयर मार्केट की दुनिया में जाना चाह रहे हैं और तो आपके ट्रेडिंग अकाउंट और डीमैट अकाउंट दोनों खुलवाना पड़ेगा. लेकिन यहाँ हम आपको कुछ ऐसे जरूरी दस्तावेज़ के बारे में बता रहे हैं जिनकी मदद से आप ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकते हैं.

ट्रेडिंग अकाउंट खुलवाने के लिए आपको पहचान पत्र देना होता है जिसमें आप पैन कार्ड या आधार कार्ड दे सकते हैं. इसके अलावा आपको निवास प्रमाण देना होता है जिसमें आप वोटर आईडी कार्ड, राशन कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेन्स आदि में से किसी एक को दे सकते हैं. इसके अलावा आपको इनकम प्रूफ भी देना होता है जिसमें आप अपनी सैलरी से फॉर्म 16 को सबमिट कर सकते हैं, बैंक स्टेटमेंट दे सकते हैं, ITR दे सकते हैं. इन सभी चीजों के साथ आप ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकते हैं.<

ट्रेडिंग अकाउंट कैसे खुलवाएं? How to Open a Trading Account?

ट्रेडिंग अकाउंट क्या होता है और इसे खुलवाने के लिए किन दस्तावेज़ की जरूरत होती है इस बारे में तो आप जान ही गए हैं. चलिये अब बात करते हैं कि आप कैसे ट्रेडिंग अकाउंट खुलवा सकते हैं.

ट्रेडिंग अकाउंट आप ऑनलाइन किसी ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जैसे Upstox, Zerodha आदि के माध्यम से खुलवा सकते हैं. अगर आप ऑनलाइन पर भरोसा नहीं करते हैं तो आप सीधे अपने आसपास किसी शेयर मार्केट ब्रोकर से अपना ट्रेडिंग ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है अकाउंट खुलवा सकते हैं. लेकिन ब्रोकर ऐसा होना चाहिए जो सही टाइम पर आपकी बात सुने, आपके कॉल अटेण्ड करे और आपको सही जानकारी दे. ऐसा ब्रोकर होना चाहिए जिस पर आप भरोसा कर सकें.

ट्रेडिंग अकाउंट खोलने के लिए कई ब्रोकर चार्ज लेते हैं तो कई इसे फ्री में खोलते हैं लेकिन एक बात का ध्यान रखें कि जब आपका ट्रेडिंग अकाउंट खुल जाएगा तो प्रत्येक शेयर को खरीदने बेचने पर ट्रेडिंग कंपनी या ब्रोकिंग कंपनी आपसे चार्ज लेगी.

ट्रेडिंग अकाउंट कैसे काम करता है

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BTST क्या होता है और यह कैसे काम करता है?

BTST यानि आज खरीदें कल बेचें (Buy Today Sell Tomorrow) के लिए एक संक्षिप्त शब्द है।

इंडियन कैपिटल मार्केट T+2 सेटलमेंट साइकिल फॉलो करता है। अगर आप सोमवार को कोई स्टॉक खरीदते हैं, तब वह बुधवार को आपके डीमैट अकाउंट में डिलीवर हो जाता है। हालाँकि, आप अपने स्टॉक को अपने डीमैट अकाउंट में क्रेडिट होने से पहले ही बेच सकते हैं। ये कैसे काम करता है, आइए इसे एक उदाहरण से समझते हैं।

मान लिजिए कि आपके ट्रेडिंग अकाउंट में 10,000 रुपये हैं। सोमवार को, आपने रिलायंस के 5 शेयर 2000 रुपये में खरीदे है और मंगलवार को आपने 5 शेयर 2100 रुपये में बेच दिया है।

बाय वैल्यू = Rs. 10,000/-

सेल्ल वैल्यू = Rs. 10,500/-

इस खरीद के लिए सोमवार को आपके अकाउंट में 10,000 रुपये तुरंत ब्लॉक कर दिए जाते है। इसे एक्सचेंज पर बुधवार (T+2 दिन) को सेटल किया जाता है।

Trading account कैसे काम करता है?

एक ट्रेडिंग अकाउंट एक इन्वेस्टर के डीमैट अकाउंट और बैंक अकाउंट के बीच एक चैन की तरह काम करता है। जब कोई इन्वेस्टर शेयर खरीदना चाहता है, तो वह अपने ट्रेडिंग अकाउंट के जरिए ऑर्डर देता है। लेनदेन स्टॉक एक्सचेंज में प्रोसेसिंग के लिए जाता है। उस पर काम करने के लिए, जरुरी संख्या में शेयर उसके डीमैट अकाउंट में जमा हो जाते हैं और उसके बैंक अकाउंट से एक उतना पैसा काट ली जाती है।

इक्विटी शेयरों को बेचने के लिए इसी तरह की नियमो को फॉलो किया जाता है। इन्वेस्टर अपने ट्रेडिंग अकाउंट की मदद से 100 शेयरों के लिए सेल ऑर्डर देता है। यह संबंधित स्टॉक एक्सचेंज में आगे के लिए जाता है।

जब ऑर्डर आगे दिया जाता है, तो उसके डीमैट अकाउंट से आवश्यक संख्या में शेयर डेबिट कर दिए जाते हैं और एक बराबर पैसा उसके बैंक अकाउंट में जमा हो जाती है।

ट्रेडिंग अकाउंट के क्या फायदे हैं?

वन-पॉइंट एक्सेस

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