एसेट एलोकेशन के फायदे
-डायवर्सिफिकेशन से जोखिम मैनेज करना
-उतार-चढ़ाव में भी बेहतर रिटर्न कमाना
-बार-बार रीबैलेंसिंग से बचाव

निवेश में एसेट एलोकेशन का क्या है मतलब ?

निवेश में एसेट एलोकेशन का क्या है मतलब ?

एसेट एलोकेशन से फायदा होता है कि अगर एक इंस्ट्रूमेंट में उतार-चढ़ाव होता है तो दूसरे में फायदा होता है. उदाहरण के तौर पर अगर शेयर बाजार में गिरावट आई तो हो सकता है सोने में उतनी गिरावट न आकर तेजी ही आए.

हर निवेशक के हिसाब से एसेट एलोकेशन अलग-अलग होता है. उदाहरण के तौर पर एक एग्रेसिव इन्वेस्टर 75 फीसदी पैसा इक्विटी म्यूचुअल फंड्स, 20 फीसदी एफडी और 5 फीसदी सोने में निवेश कर सकता है.

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Explainer: किसे कहते हैं एसेट एलोकेशन? पोर्टफोलियो में रिस्‍क और रिटर्न को कैसे बैलेंस करता है यह?

यह जोखिम को कम करता है और ज्‍यादा रिटर्न दिलाने के दरवाजे खोलता है.

यह जोखिम को कम करता है और ज्‍यादा रिटर्न दिलाने के दरवाजे खोलता है.

Asset Allocation-एक निवेशक की निवेश यात्रा में एसेट एलोकेशन को सबसे अच्‍छा मित्र माना जाता है. एसेट एलोकेशन न केवल जोखि . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : November 09, 2022, 07:00 IST
एसेट एलोकेशन का कोई तय पैटर्न किस एसेट क्लास में निवेश? किस एसेट क्लास में निवेश? नहीं है.
वित्‍तीय लक्ष्‍य हासिल करने में एसेट एलोकेशन का महत्‍वपूर्ण किस एसेट क्लास में निवेश? भूमिका है.
एसेट एलोकेशन बढिया रिटर्न दिलाने में महत्‍वपूर्ण भूमिका निभाता है.

नई दिल्‍ली. अगर आप निवेशक हैं तो एसेट एलोकेशन (Asset Allocation) का महत्व समझना आपके लिए बहुत जरूरी है. साधारण शब्‍दों में कहें अपने पैसे को इक्विटी, गोल्ड, बांड या ऐसे दूसरे एसेट क्लास में बांटना ही एसेट अलोकेशन है. आपके पोर्टफोलियो में एसेट एलोकेशन बेहद मायने रखता है. सही एसेट एलोकेशन आपकी बेहतर कमाई करा सकता है. यह रिस्क और रिटर्न, दोनों में बैलेंस बनाने में बहुत काम आता है. यह जोखिम को कम करता है और ज्‍यादा रिटर्न दिलाने के दरवाजे खोलता है.

Money Guru: किस एसेट क्लास में कितना निवेश सही? यहां समझें 12:20:80 स्ट्रैटेजी, मिलेगा बेहतर रिटर्न

Money Guru:अगर आपके पोर्टफोलियो में सही एसेट एलोकेशन होगा तो आपको रिटर्न भी ज्यादा मिलेगा. लेकिन क्या आप एसेट एलोकेशन स्ट्रैटेजी (Strategy of Asset Allocation) को समझते हैं?

हाई इनकम है तो डेट म्यूचुअल फंड में निवेश करें.

Money Guru: निवेश में एसेट एलोकेशन स्ट्रैटेजी बेहद मायने रखती है. अगर आपके पोर्टफोलियो में सही एसेट एलोकेशन होगा तो आपको रिटर्न भी ज्यादा मिलेगा. लेकिन क्या आप एसेट एलोकेशन स्ट्रैटेजी (Strategy of Asset Allocation) को समझते हैं? क्या आपको पता है कि किस एसेट क्लास में कितना निवेश सही है? क्वांटम AMC के सीआईओ चिराग मेहता और आनंदराठी वेल्थ मैनेजमेंट के डिप्टी सीईओ फिरोज अजीज से जानते हैं कि आखिर एसेट एलोकेशन की 12:20:80 स्ट्रैटेजी क्या है और यह कैसे निवेश की रणनीति तय करता है.

निवेश में रिस्क फैक्टर को घटाना है? एक्सपर्ट से जानें किस एसेट क्लास में मिलेगा मुनाफा

Money Guru: नवरात्रि पर हम आपके लिए लेकर आए हैं निवेश के 9 मंत्र. इस कड़ी आज आपको जानने को मिलेगा अपने निवेश में रिस्क को कम करने के लिए एसेट एलोकेशन का गुर.

Money Guru: क्या आपको भी अपने इन्वेस्टमेंट में रिस्क फैक्टर को कम करना है या अनिश्चित बाजार में मुनाफा कमाना है? तो इसके लिए आपको समझना होगा किस एसेट क्लास में निवेश करने के आपको मौजूदा बाजार में फायदा मिल सकता है. नवरात्रि में निवेश के 9 मंत्र की इस सीरिज में आज आपको जानने को मिलेगा एसेट एलोकेशन का मंत्र. इसमें आपको जानने को मिलेगा कि इस समय किन एसेट क्लास में निवेश से मिलेगा तगड़ा मुनाफा. इसके साथ ही पोर्टफोलियो में रिस्क और रिटर्न के लिहाज से किस एसेट क्लास में कितना एक्सोपजर रखें. फिनवाइज की फाउंडर प्रतिभा गिरीश और आनंदराठी वेल्थ मैनेजमेंट की हेड श्वेता रजानी आपको बताएंगी इसके बारे में सब कुछ.

Asset Allocation: गोल्ड vs इक्विटी vs डेट? मंदी की आशंका के बीच कैसे बनाएं मजबूत पोर्टफोलियो

Asset Allocation: गोल्ड vs इक्विटी vs डेट? मंदी की आशंका के बीच कैसे बनाएं मजबूत पोर्टफोलियो

Investment Strategy: मौजूद समय में एसेट किस एसेट क्लास में निवेश? अलोकेशन स्‍ट्रटेजी बेहतर तरीका है.

Make Your Portfolio Strong: साल 2022 निवेशकों के लिहाज से एक कठिन समय रहा है. हम साल 2022 के अंत में आ गए हैं, लेकिन बाजार में अनिश्चितताएं अभी कायम हैं. रूस और यूक्रेन जंग के चलते जियो पॉलिटिकल टेंशन, महंगाई, रेट हाइक और आगे मंदी की आशंका जैसे फैक्‍टर अभी भी बाजार में मौजूद हैं, जिनके चलते बाजार पर दबाव मौजूद है. एक्‍सपर्ट भी मान रहे हैं कि भले ही बाजार का लंबी अवधि का आउटलुक मजबूत है, नियर टर्म में करेक्‍शन दिख सकत है. ऐसे में निवेशकों के मन में यह सवाल है कि मौजूदा समय में एक मजबूत पोर्टफोलियो कैसे तैयार किस एसेट क्लास में निवेश? करें.

अलग अलग एसेट क्‍लास के जरिए पोर्टफोलियो

BPN फिनकैप के सीईओ और डायरेक्टर एके निगम का कहना है कि बाजार में अनिश्चितताएं अभी मौजूद हैं. शॉर्ट टर्म की बात करें तो ग्‍लोबल सेंटीमेंट बहुत अच्‍छे नजर नहीं आ रहे हैं. ऐसे में किसी एसेट किस एसेट क्लास में निवेश? क्‍लास पर फोकस करने की बजाए अलग अलग एसेट क्‍लास पर ध्‍यान देना चाहिए. मौजूद समय में एसेट अलोकेशन स्‍ट्रटेजी बेहतर तरीका है. हालांकि निवेश के पहले यह जरूर दखें कि आपके फाइनेंशियल लक्ष्‍य क्‍या हैं, आपमें रिस्‍क लेने की कितनी क्षमता है, बाजार में आप कितना लंबा टिक सकते हैं. इन बातों को ध्यान में रखकर ही निवेश की प्लानिंग करें. उन्‍होंने अभी पोर्टफोलियो में 3 एसेट क्लास इक्विटी, डेट और गोल्ड शामिल करने का सुझाव दिया है.

निगम का कहना है कि आपके पोर्टफोलियो में किस एसेट क्‍लास का कितना रेश्‍यो होना चाहिए, यह आपके रिस्‍क लेने की क्षमता पर निर्भर है. अगर आप एग्रेसिव इन्‍वेस्‍टर्स हैं यानी रिस्‍क लेने का तैयार हैं और लंबी अवधि तक बाजार में टिकना चाहते हैं तो पोर्टफोलियो में इक्विटी, डेट और गोल्‍ड का रेश्‍यो 70:25:5 होना चाहिए. लेकिन आप माडरेट इन्‍वेस्‍टर हैं यानी ज्‍यादा रिस्‍क नहीं लेना चाहते तो यह रेश्‍यो 45:45:10 को होना चाहिए. अगर आप कंजर्वेटिव इन्‍वेस्‍टर हैं यानी रिस्‍क नहीं लेना चाहते तो यह रेश्‍यो 20:70:10 को होना चाहिए.

इक्विटी में कहां करें निवेश

उनका कहना है कि इक्विटी में अभी लार्ज एंड मिड कैप और मल्‍टीकैप कटेगिरी बेहतर है. जबकि डेट में शॉर्ट मैच्‍योरिटी वाले फंड और डायनमिक बॉन्‍ड फंड बेहतर विकल्‍प हो सकते हैं.

स्टैंडर्ड एसेट अलोकेशन के रूप में, पोर्टफोलियो का 10 फीसदी आमतौर पर जोखिम वाले निवेश से हेज के लिए गोल्ड में रखा जाता है. इसके लिए सॉवरेन गोल्ड बांड भी बेहतर विकल्प है, जिसमें 2.5 फीसदी सालाना रिटर्न अतिरिक्‍त बेनेफिट मिलता है. वहीं मैच्येारिटी पर लांग टर्म गेंस टैक्स से छूट मिलती है. गोल्‍ड हेजिंग का काम भी करता है. इसमें बाजार की वोलेटिलिटी या मंदी जैसी स्थिति में सुरक्षा मिलती है, लिक्विडिटी भी बेहतर है.

(Disclaimer: कैपिटल मार्केट में निवेश जोखिमों के अधीन है. निवेश से पहले अपने स्तर पर पड़ताल कर लें या अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से परामर्श कर लें. फाइनेंशियल एक्सप्रेस किसी भी एसेट क्‍लास में निवेश की सलाह नहीं देता है.)

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